अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
सब की दुनिया एक (बाल-साहित्य )    Print this  
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धरती है हम सब की एक
आसमान हम सब का एक
सूरज है हम सब का एक
चंदा है हम सब का एक
पानी है हम सब का एक
और पवन है सब का एक
है दुनिया में लोग अनेक
लेकिन सब की दुनिया एक

-द्वारिकाप्रसाद महेश्वरी

 

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