पैदा हुआ उसी दिन, जिस दिन बापू ने था जन्म लिया भारत-पाक युद्ध में जिसने तोड़ दिया दुनिया का भ्रम।
एक रहा है भारत सब दिन, सदा रहेगा एक। युगों-युगों से रहे हैं इसमें भाषा-भाव अनेक।
आस्था और विश्वास अनेकों होते हैं मानव के। लेकिन मानवता मानव की रही सदा ही नेक। कद से छोटा था लेकिन था कर्म से बड़ा महान। हो सकता है कौन, गुनो वह संस्कृति की संतान।
-कमला प्रसाद चौरसिया
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