साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
हम होंगे कामयाब (काव्य)    Print this  
Author:गिरिजाकुमार माथुर | Girija Kumar Mathur

हम होंगे कामयाब, हम होंगे कामयाब
हम होंगे कामयाब एक दिन
ओ हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
हम होंगे कामयाब एक दिन॥

हम चलेंगे साथ-साथ, डाल हाथों में हाथ
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन
ओ हो, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
हम चलेंगे साथ-साथ एक दिन॥

होगी शांति चारों ओर, होगी शांति चारों ओर
होगी शांति चारों ओर एक दिन
मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
होगी शांति चारों ओर एक दिन॥

नहीं डर किसी का आज, नहीं डर किसी का आज
नहीं डर किसी का आज के दिन
ओ हो, मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास
नहीं डर किसी का आज के दिन॥

ओ हो मन में है विश्वास, पूरा है विश्वास,
हम होंगे कामयाब एक दिन॥

साभार - अभियान गीत

Girijakumar Mathur's poem, "Hum Honge Kaamyab Ek Din' is a literal translation of English song ‘We Shall Overcome'.

 

Posted By vijay kumar   on Saturday, 23-Jul-2016-06:10
अच्छा प्रयास है
Posted By sara khan   on Wednesday, 22-Jul-2015-13:45
wow
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