यह कैसे संभव हो सकता है कि अंग्रेजी भाषा समस्त भारत की मातृभाषा के समान हो जाये? - चंद्रशेखर मिश्र।
नेता एकम नेता  (काव्य)    Print this  
Author:गोपालप्रसाद व्यास | Gopal Prasad Vyas

नेता एकम नेता 
हरदम उल्लू चेता 

नेता दूनी रैली 
सिकुड़ी हो या फैली 

नेता तीया थैली 
उजली हो या मैली 

नेता चौके कुर्सी 
बिन कुर्सी मातमपुर्सी 

नेता पंजे भाषण 
नित्य नए आश्वासन 

नेता छक्के छूट 
झूठ, फूट और लूट 

नेता सत्ते सत्ता 
सुरा, सुंदरी, भत्ता 

नेता अट्ठे गुंडे 
स्वागत, माला, झंडे

नेता नम्मे वोट 
दारू, कंबल, नोट 

नेता दस्से नंबर दस
बहुत हो गया, बस भई, बस!

--गोपाल प्रसाद व्यास

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