साहित्य की उन्नति के लिए सभाओं और पुस्तकालयों की अत्यंत आवश्यकता है। - महामहो. पं. सकलनारायण शर्मा।
नियति (कथा-कहानी)    Print this  
Author:डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav

चक्की के पाट का चनों के प्रति व्यवहार बड़ा निर्मम था। अतः एक दिन कुछ चनों ने मिलकर उसे फोड़ दिया। चने चाहते थे कि पाट ऐसा हो, जो उनके दर्द को समझे और उनकी भावनाओं की कद्र करे।

पाट बदल दिया गया। नया पाट पहले पाट से कहीं भारी था। चक्की फिर चलने लगी। चने अब भी पिस रहे थे।

                               - डॉ॰ रामनिवास मानव

 [साभार : पवनवेग, अंबाला शहर, 1981]

 

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