यह संदेह निर्मूल है कि हिंदीवाले उर्दू का नाश चाहते हैं। - राजेन्द्र प्रसाद।
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एक दिन सभी पंछी ने सोचाहम भी करें पढ़ाई।सुख-दुःख की कथा बांच लेंबूझें शब्द अढ़ाई।
मोर पपीहा सुग्गा मैनातीतर बटेर भी आए।बरगद पर लग गई शाला"अ" से अनार गाए।
सबसे बुद्धिमान समझकौआ को चुना गुरुजी।जोड़-घटाव, गुणा-भाग कीकक्षा की गई शुरू जी।।
-- जयप्रकाश मानस
[जयप्रकाश मानस की बाल कविताएं, यश पब्लिशर्स एंड डिस्ट्रीब्यूटर्स दिल्ली]
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