विदेशी भाषा के शब्द, उसके भाव तथा दृष्टांत हमारे हृदय पर वह प्रभाव नहीं डाल सकते जो मातृभाषा के चिरपरिचित तथा हृदयग्राही वाक्य। - मन्नन द्विवेदी।
कुछ हाइकु (काव्य)    Print this  
Author:आनन्द विश्वास | Anand Vishvas

मन की बात
सोचो, समझो और
मनन करो।

अपना घर
तन-मन-धन से
स्वच्छ बनाएं।

पानी या खून
हर बूँद अमूल्य
मत बहाओ।

गेंहूँ, जौ, चना
कैसे हो और घना
हमें सोचना।

-आनन्द विश्वास

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