9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) के रूप में मान्यता दी गई है क्योंकि 1915 में इसी दिन महात्मा गांधी दक्षिण अफ्रीका से भारत लौटे थे।
जनवरी 2003 से 2015 तक प्रत्येक वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस (पीबीडी) सम्मेलन के रूप में मनाया जाता रहा है। यह सम्मेलन 7-9 जनवरी तक मनाया जाता है लेकिन 2016 से प्रवासी-दिवस की तिथियों में बदलाव हुआ है। प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन सर्वप्रथम 2003 में किया गया था। प्रवासी भारतीय दिवस के अवसर पर प्रतिवर्ष तीन दिवसीय कार्यक्रम आयोजित किया जाता है जिसमें उन भारतीयों को सम्मानित किया जाता है जिन्होंने विदेश में जाकर भारतवर्ष का नाम ऊँचा किया है।
2003 से 2015 तक लगातार हर वर्ष प्रवासी भारतीय दिवस का आयोजन हुआ लेकिन 2016 में इसका आयोजन स्थगित कर दिया गया और सरकार ने इसे एक वर्ष के अंतराल में आयोजित करने का निर्णय लिया। यथा 2017 में अगला प्रवासी दिवस आयोजित किया गया।
सरकार के निर्णय के अनुसार अब अगला प्रवासी भारतीय दिवस 2019 में आयोजित होना था लेकिन 2018 में भी प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया लेकिन सरकारी सूची में अब इसकी गणना नहीं है। यह प्रवासी भारतीय दिवस पहला ऐसा आयोजन था जिसका आयोजन भारत में न होकर विदेश (सिंगापुर) में किया गया था। इस प्रवासी भारतीय दिवस (2018) की एक विशेषता यह भी थी कि गूगल ने भी अपना डूडल 'प्रवासी भारतीय वैज्ञानिक' हरगोबिन्द खुराना को समर्पित किया। यह डूडल पुणे के चित्रकार 'रोहन शरद धोत्रे' ने बनाया था। रोहन उस समय बैंगलोर में कार्यरत थे।
2019 का प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 9 जनवरी के स्थान पर 21 से 23 जनवरी 2019 तक आयोजित किया गया था । सम्मेलन का आयोजन वाराणसी, उत्तर प्रदेश में किया गया था। सम्मेलन के बाद, प्रतिभागियों को 24 जनवरी, 2019 को कुंभ मेला के लिए प्रयागराज जाने और 26 जनवरी 2019 को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड का साक्षी होने का अवसर दिया गया। 21 जनवरी, 2019 को, युवा प्रवासी भारतीय दिवस का उद्घाटन युवा मामले और खेल मंत्रालय की साझेदारी में किया था। उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 जनवरी, 2019 को राज्य प्रवासी भारतीय दिवस-2019 भी आयोजित किया था। माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 जनवरी, 2019 को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का उद्घाटन किया था। माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 23 जनवरी, 2019 को, समापन अभिभाषण दिया और प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रदान किए थे।
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर, मॉरीशस के प्रधानमंत्री श्री प्रविंद जगन्नाथ, सम्मेलन के मुख्य अतिथि थे। नॉर्वे की संसद के सदस्य श्री हिमांशु गुलाटी विशेष अतिथि थे और न्यूजीलैंड की संसद के सदस्य कंवलजीत सिंह बक्शी 21 जनवरी, 2019 को युवा प्रवासी भारतीय दिवस में विशिष्ट अतिथि थे।
2003 से लेकर अब तक भारत के विभिन्न नगरों में प्रवासी भारतीय दिवस आयोजित किया गया। अब तक प्रवासी भारतीय दिवस निम्नलिखित नगरों में आयोजित किए जा चुके हैं:
2003 (7-9 जनवरी) पहला प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2004 (7-9 जनवरी) दूसरा प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2005 (7-9 जनवरी) तीसरा प्रवासी भारतीय दिवस, मुंबई, महाराष्ट्र
2006 (7-9 जनवरी) चौथा प्रवासी भारतीय दिवस, हैदराबाद
2007 (7-9 जनवरी) पांचवा प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2008 (7-9 जनवरी) छठां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2009 (7-9 जनवरी) सातवां प्रवासी भारतीय दिवस, चेन्नई
2010 (7-9 जनवरी) आठवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2011 (7-9 जनवरी) नवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2012 (7-9 जनवरी) दसवां प्रवासी भारतीय दिवस, जयपुर, राजस्थान
2013 (7-9 जनवरी) ग्यारवां प्रवासी भारतीय दिवस, कोची
2014 (7-9 जनवरी) बारवां प्रवासी भारतीय दिवस, नई दिल्ली
2015 (7-9 जनवरी) तेरवां प्रवासी भारतीय दिवस, गांधीनगर, गुजरात
2016 स्थगित हो गया था। निर्णय लिया गया कि अब प्र्वासी दिवस एक वर्ष के अंतराल में आयोजित होगा।
2017 (7-9 जनवरी) चौदहवां प्रवासी भारतीय दिवस, बंगलुरू, कर्नाटक
2018 प्रवासी भारतीय दिवस, सिंगापुर [यह देश से बाहर हुआ था लेकिन इसे गिना नहीं जा रहा]
2019 (21-23 जनवरी) पंद्रहवाँ प्रवासी भारतीय दिवस, वाराणसी
2021 (7-9 जनवरी) कोविड के कारण ऑनलाइन हुआ
2023 (7-9 जनवरी) सत्रहवाँ प्रवासी भारतीय दिवस, इंदौर
न्यूज़ीलैंड से विभिन्न व्यक्तियों को प्रवासी भारतीय सम्मान प्राप्त हो चुका है जिनमें सुश्री सुखी टर्नर (2004), जज अजीत स्वर्ण सिंह (2008), सर आनंद सत्यानंद (2011), डॉ सतेंद्र कुमार सिंह (2013), श्री कंवलजीत सिंह बख्शी (2015), श्री भावदीप सिंह ढिल्लो (2019) और सुश्री प्रियंका राधाकृष्णन सम्मिलित हैं।
प्रस्तुति: रोहित कुमार 'हैप्पी'