कैनरी टापू (Canery Island) पर अधिकतर वर्षा नहीं होती। यहाँ नदी नाले या झरने नहीं पाए जाते। वहां एक प्रकार के जल वृक्ष पाए जाते हैं जिनसे प्रतिदिन रात के समय वर्षा होती है। कैनरी टापू के निवासी इस जल का प्रयोग दैनिक उपयोग के लिए भी करते हैं।
इसी प्रकार के वृक्ष इंडोनेशिया के सुमात्रा नामक द्वीप में भी पाए जाते हैं।
इनके जल वर्षिक होने का वैज्ञानिक कारण यह है कि जब दोपहर के समय सूर्य की किरणें तेज होती है तब यह पेड़ हवा के द्वारा भाँप ग्रहण करते हैं। कुछ देर बाद वही भाँप जल बनकर बूंदों के रूप में टपकने लगती है। इन वृक्षों के नीचे घड़ा रख देने पर घड़ा भी भर जाता है।
इसी प्रकार अफ्रीका में भी एक प्रकार का वृक्ष पाया जाता है जिसे छेद कर पानी प्राप्त किया जाता है।
दक्षिण अमेरिका के मेरु प्रदेश में बादलों का नामोनिशान ना होने पर भी ऐसा लगता कि वृक्ष के पास घनी वर्षा हुई थी पूर्णविराम इस वृक्ष के पत्ते घने होते हैं। उनमें ऐसा गुण है कि वे हवा में उपस्थित भाँप को सोख लेते हैं और फिर वर्षा के रूप में बरसाते हैं।
[पेड़ पौधों की आश्चर्यजनक बातें]