उर्दू जबान ब्रजभाषा से निकली है। - मुहम्मद हुसैन 'आजाद'।

कोरोना हाइकु (काव्य)

Print this

Author: बासुदेव अग्रवाल नमन

कोरोनासुर
विपदा बन कर
टूटा भू पर।

**

यह कोरोना
सकल जगत का
अक्ष भिगोना।

**

कोरोना पर
मुख को ढककर
आओ बाहर।

**

कोरोना यह
जगत रहा सह
कैदी सा रह।

**

कोरोना अब
निगल रहा सब
जायेगा कब?

-बासुदेव अग्रवाल नमन
तिनसुकिया, असम, भारत
ई-मेल: basudeo@gmail.com

Back

 
Post Comment
 
 
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश