मूल नाम : धनपत राय
घर का नाम: नवाब राय
जन्म : 31 जुलाई 1880,
जन्म स्थल: लमही, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
पिता का नाम: मुंशी अजायब लाल
माता का नाम: श्रीमती आनंदी देवी
बहन: सुग्गी देवी (दो बहने और भी हुईं लेकिन जीवित न बची)
व्यवसाय: लेखन, संपादन
पत्नी: शिवरानी देवी प्रेमचंद
बच्चे:
बेटे: श्रीपतराय और अमृतराय
बेटी: कमला
1895: पहली शादी।
1897: पिता का निधन।
1898: मैट्रिक की।
1904: ट्रेनिंग का इम्तिहान अव्वल दर्जे में पास किया किन्तु गणित न पढ़ा सक्ने की बात इस सर्टिफिकेट में लिख दी गई।
1900: 2 जुलाई को बहराइच में बीस रुपये मासिक पर अध्यापक नियुक्त हुए। 1923 तक उत्तर प्रदेश के विभिन्न विद्यालयों में अध्यापन किया।
1901: पहला आलेख प्रकाशित हुआ।
1903: उर्दू उपन्यास 'असरारे मआबिद' धारावाहिक के रूप में 'आवाज़-ए-खल्क़' साप्ताहिक में 8 अक्टूबर 1903 को प्रकाशित हुई।
1905: हेडमास्टर हुए।
1906: शिवरानी के साथ शादी हुई। शिवरानी बाल विधवा थी और मुंशी प्रेमचंद की यह दूसरी शादी थी। यह शादी बड़े सादे ढंग से फागुन में शिवरात्रि के दिन हुई थी।
1907: उर्दू में कहानियाँ लिखना आरंभ किया।
1907: पहली कहानी 'दुनिया का अनमोल रत्न' 'ज़माना' में प्रकाशित हुई।
1907: प्रेमा उपन्यास प्रकाशित हुआ लेकिन अधिक चर्चित न हो सका।
1908: 'सोज़-ए-वतन' ज़माना में प्रकाशित।
1910: पहली बार प्रेमचंद नाम का उपयोग किया। प्रेमचंद के नाम से 'बड़े घर की बेटी' कहानी प्रकाशित हुई। इससे पूर्व वे नवाब राय के नाम से प्रकाशित होते थे।
1914: हिन्दी मे कहानियों का अनुवाद और हिन्दी की पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित।
1914: हिन्दी में लिखना आरंभ किया।
1914: इंटरमीडियट की परीक्षा पास की।
1919: 'सेवाादन' प्रेमा के बाद उनका पहला हिन्दी उपन्यास था। यह ख़ूब चर्चित हुआ।
1919 बी ए, इलाहबाद विश्वविद्यालय
1921: गांधीजी के 'असहयोग आंदोलन' आह्वान पर सरकारी नौकरी छोड़ दी।
1923: सरस्वती प्रेस की स्थापना।
1926: माधुरी के संपादक बने।
1927 'प्रेम प्रतिमा' और 'निर्मला' उपन्यास प्रकाशित हुए।
1930: 'हंस' मासिक पत्रिका का प्रकाशन आरंभ किया।
1934: मायानगरी में फिल्मों की पटकथा का अनुबंध।
1936: 'गोदान' उपन्यास प्रकाशित।
निधन: 8 अक्टूबर 1936
प्रस्तुति: रोहित कुमार 'हैप्पी'