माँ मुझको स्लेट दिला दो, मैं भी पढ़ने जाऊँगा। पढ़ लिखकर आगे बढ़कर, सबको शिक्षित करवाऊँगा।।
शिक्षा का हक़ सबको है माँ, यह बात सबको समझाऊँगा। माँ मुझको स्लेट दिला दो, मैं भी पढ़ने जाऊँगा।।
भारत सुन्दर तब होगा माँ, जब एक-एक मन शिक्षित होगा। सह शिक्षा के आते ही, सारे कष्टों का अंत होगा।।
सही गलत का ज्ञान जो होगा, भेद-भाव सब मिट जाएगा, शिक्षा है हथियार बड़ा, यह बात सबको समझाऊँगा।। माँ मुझको स्लेट दिला दो, मैं भी पढ़ने जाऊँगा।।।
शिक्षा के आते ही घर में, हर कोना उजिआरा होगा। घर-घर में एक नई इन्दिरा और एक नया जवाहर जवाहर होगा।।
नई दिशाएँ नई मंजिलें, घर-घर को मिल जाएंगी, घर-घर में सुख शान्ति होगी, जग रोशन हो जाएगा। शिक्षा का हक़ सबको है माँ, यह बात सबको समझाऊँगा, माँ मुझको स्लेट दिला दो, मैं भी पढ़ने जाऊँगा।।
माँ शिक्षा में बहुत ताक़त हैं, गुरुजन यही बताते हैं। मंजिल को पाने के खातिर, शिक्षा बहुत ज़रूरी है, देश के कोने-कोने में, यह बात सबको बतलाऊँगा, माँ मुझको स्लेट दिला दो, मैं भी पढ़ने जाऊँगा।।
माँ मैंने सपना देखा है, चारों ओर शान्ति होगी, सबके तन पर कपड़ा होगा, कोई ना भूखा बेघर होगा। देश से आतंक मिट जाएगा कोना- कोना अपना होगा।।
चौराहे पे भीख माँगते, घर-घर में जूठन को धोते, हाँथ जो थक जाते हैं, काँप -काँप रोते हैं, अब उन्हीं हाँथों में, कागज़, कलम पकड़ना हैं। देश के कोने-कोने में, शिक्षा को फैलाना है, माँ मुझको स्लेट दिला दो, मैं भी पढ़ने जाऊँगा।।
- बेबी मिश्रा
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