साहित्य का स्रोत जनता का जीवन है। - गणेशशंकर विद्यार्थी।
सरल पुकार (बाल-साहित्य )  Click to print this content  
Author:प्रशांत अग्रवाल

ऐ मालिक हम तेरे बच्चे
रहें हमेशा दिल के सच्चे
पूरे मन से पढ़ें लिखें हम
अच्छाई के साथ रहें हम
समय करें न हम बेकार
मेहनत से हो हमको प्यार
आपस में न करें लड़ाई
औरों की भी करें भलाई
नहीं किसी को दुःख पहुंचायें
खुशियाँ ही खुशियाँ बरसायें
हर ऊँचाई को हम छू लें
लेकिन तुमको कभी न भूलें।।

- प्रशांत अग्रवाल
सहायक अध्यापक, प्राथमिक विद्यालय डहिया,
विकास क्षेत्र फतेहगंज पश्चिमी, बरेली

 

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