यदि पक्षपात की दृष्टि से न देखा जाये तो उर्दू भी हिंदी का ही एक रूप है। - शिवनंदन सहाय।
राष्ट्रपति ने उपराष्ट्रपति की पुस्तक का विमोचन किया (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन समाचार

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने 23 सितंबर, 2016 को राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक समारोह में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति में उपराष्ट्रपति श्री मोहम्मद हामिद अंसारी द्वारा लिखित पुस्तक ‘सिटिजन एंड सोसायटी' का विमोचन किया।

इस अवसर पर राष्ट्रपति ने श्री मोहम्मद हामिद अंसारी को पुस्तक के लेखन पर बधाई दी। इस पुस्तक में विभिन्न विषयों पर श्री अंसारी के भाषणों का संकलन है। उन्होंने कहा कि आमतौर पर वे पुस्तकों को प्राप्त करते हैं लेकिन यह मामला अपवादस्वरूप है क्योंकि वे कई वर्षों से श्री अंसारी को न केवल देश के उपराष्ट्रपति के रूप में जानते हैं, बल्कि इस महान देश के एक विद्वान, राजनयिक और जागरूक नागरिक के तौर पर भी जानते हैं।

राष्ट्रपति महोदय ने कहा जब श्री अंसारी ने देश के उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी तो मीडिया ने प्रश्न किया था कि क्या वे ‘गैर-राजनीतिज्ञ' हैं। उनका उत्तर था कि "कोई भी गैर-राजनीतिज्ञ नहीं होता और एक नागरिक के तौर पर उसे राजनीतिक मामलों में दिलचस्पी लेनी पड़ती है।" राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि यही इस पुस्तक की विषयवस्तु है। यह पुस्तक हमें एक नागरिक के रूप में अपनी जिम्मारियों की याद दिलाती है। लोकतंत्र में आवाजें उठना अवश्यंभावी होता है और दूसरे लोकतंत्रों की अपेक्षाकृत भारत में अधिक आवाजें उठती हैं, लेकिन मुद्दों के साथ तारतम्य के कारण नागरिकों को बहुत लाभ होता है। श्री अंसारी ने पूरी साफगोई और विद्वता से इस तथ्य की तरफ ध्यान आकर्षित किया है। राष्ट्रपति महोदय ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र चामत्कारिक है और हर नागरिक को इसे लगातार पोषित करते रहना चाहिये।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पुस्तक के लिये श्री अंसारी को बधाई दी। उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है और प्रौद्योगिकी ने ‘सीटीजन' को ‘नेटीजन' में तब्दील कर दिया है। मौजूदा संदर्भ में हमें अपनी परंपरा और पारिवारिक मूल्यों को संरक्षित करना चाहिये क्योंकि यही हमारी शक्ति हैं।

अपनी पुस्तक के विषय में उपराष्ट्रपति श्री हामिद अंसारी ने कहा कि राजनीति-तंत्र, सुरक्षा और सशक्तिकरण जैसी वैविध्यपूर्ण विषयवस्तु पर उनके द्वारा दिये गये भाषणों का संकलन इस पुस्तक में मौजूद है। उन्होंने कहा कि पुस्तक में उन्होंने भारत के सामने मौजूद विभिन्न चुनौतियों की पड़ताल करने का प्रयास किया है।

इस अवसर पर पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह, कपड़ा मंत्री श्रीमती स्मृति जुबीन इरानी, युवा मामले एवं खेल राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विजय गोयल और संसद सदस्य भी उपस्थित थे।

 

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