चिड़िया रानी-चिड़िया रानी कैसे ऊँची उड़ जाती हो लंच-डिनर में क्या खाती हो? हमको नहीं बताती हो।
छोटे-छोटे बीज चबाऊँ रूखे-सूखे कीड़े मुझको भाते तनिक नहीं हैं मैगी,चाट,पकौड़े।
हरी-हरी सब्ज़ी खाऊँगा अच्छी बात बताती हो। लंच-डिनर में- - -
सुबह-शाम मेहनत करती हूँ श्रम से तनिक नहीं डरती हूँ तिनका-तिनका नीड़ बनाती बच्चे भी पाला करती हूँ।
सुबह-शाम तुम जिम को जाती सीक्रेट नहीं बताती हो। लंच-डिनर- -
भोलू राजा, भोले हो तुम मेहनत ज़रा न करते हो तुम तले पकौड़े तुम नित खाते फ़ास्ट-फ़ूड पर मरते हो तुम काम बहुत मुझको करने हैं फिर मिलने, उड़ जाती हूँ मैं। लंच-डिनर- -
आखिरी आन्सर देती जाओ कैसे तुम सुंदरता पाओ चटकीले हैं रंग तुम्हारे कैसे तुम नित निखरी जाओ? हमें बताओ, नहीं छुपाओ ब्यूटी-पार्लर जाती हो तुम?
भोलू राजा बुद्धू हो तुम बात समझ न आती है----!
- डॉ अनुपमा गुप्ता ई-मेल: [email protected]
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