राष्ट्रभाषा के बिना आजादी बेकार है। - अवनींद्रकुमार विद्यालंकार।
संविधान दिवस (विविध)  Click to print this content  
Author:भारत-दर्शन संकलन

26 नवंबर 2015 (भारत): प्रधानमंत्री ने लोकसभा में संविधान दिवस पर डॉ. अंबेडकर के योगदान को रेखांकित किया।

प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि भारत के संविधान ने भारतीयों की लिए गरिमा और देश की एकता को सुनिश्चत कर दिया है। वह संविधान दिवस समारोह के लिए आयोजित विशेष बैठक और संविधान निर्माता डॉ. बी.आर. अंबेडकर की 125वीं जयंती पर बोल रहे थे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत जैसे विविधता भरे देश में हमें संविधान को सक्रिय रूप से लोगों के पास ले जाने की जरूरत है। सरकार की ओर से 26नवंबर को संविधान दिवस के तौर पर मनाना यह दिखाता है कि केंद्र सरकार इसी आलोक में सोच रही है। उन्होंने कहा यह अवधारणा धीरे-धीरे विकसित हो जाएगी।

प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के संविधान का निर्माण करने वालों की कितनी भी प्रशंसा की जाए कम है। उन्होंने कहा कि डॉ. अंबेडकर के योगदान से इनकार नहीं किया जा सकता। डॉ. बी.आर. अंबेडकर के विचार और उनकी शिक्षा प्रामाणिक और सच्ची है और सभी पीढ़ियों पर लागू होती है।

उन्होंने कहा कि सहमति और समझौतों से लोकतंत्र और मजबूत होता है। जबकि बहुसंख्यक और अल्पसंख्यक की अवधारणा हमेशा आखिरी रास्ता होता है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि सभी नागरिकों को अपने अधिकारों और कर्तव्यों पर समान ध्यान देना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि ‘सत्यमेव जयते' और ‘सर्व पंथ संभव' ही ‘भारत का विचार' है।

 

Previous Page
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें