आनी का छोटा भाई तेजस खाने में बहुत नखरे करता था ,वह खाने में सिर्फ मीठा पसंद करता और थोड़ा बहुत आलू खा लेता था।
माँ जब भी कोई सब्जी बनाती तो उसे खाने से भी मना कर देता ,आये दिन तेजस बीमार भी हो जाता तो डॉक्टर भी उसे फल और संतुलित भोजन लेने की सलाह देते पर वह किसी की नहीं सुनता था।
मम्मी और पापा उसकी हरकत से बहुत परेशान थे पर तेजस उनकी बात नहीं मानता।
आनी का चौदहवाँ जन्मदिन आने वाला था ,मम्मी,पापा और उसका छोटा भाई तेजस चुपके चुपके आनी को दिए जाने वाली सरप्राइज़ पार्टी की तैयारी कर रहे थे और तोहफों की लिस्ट बना रहे थे। आनी को तोहफे बहुत पसंद थे,इस बार भी आनी ने अपने लिए महंगे तोहफों की लिस्ट तैयार करके मम्मी पापा को दे दी थी जिसमे महंगी चॉकलेट्स,वीडियो गेम्स और खाने के लिए पिज़्ज़ा और बर्गर आदि शामिल थे।
माँ आनी के जन्मदिन की तैयारियों के लिए घर की सफाई में लगी हुई थी ,एक पुरानी अलमारी को साफ करते समय एक किताब मिली तो उन्होंने वहीँ मेज़ पर रख दी जब अपने स्कूल से आई तो उत्सुकतावश उस किताब के पन्ने पलटने लगी, उस किताब का नाम था "विज्ञान और हम",आनी ने उसे पढ़ना शुरू किया, उस विज्ञान की किताब में प्रकाशित एक लेख में यह बताया गया था कि यदि पेड़ पौधों की कटाई इसी तरह चलती रही तो यह धरती वनस्पतियों से खाली हो जाएगी और फिर इस धरती का अस्तित्व ही समाप्त हो जाएगा।
आनी ने उस किताब को चाव से पढ़ा और फिर एक दिन अपने मम्मी-पापा से जन्मदिन के तोहफे नहीं देने को कहा।
"पर क्या हुआ आनी? तुम्हें तो तोहफ, चॉकलेट्स और पिज़्ज़ा आदि बहुत अच्छे लगते हैं?"
"माँ… ये सारी चीजें तो हमे नुकसान पहुचाती हैं ...मैं तोहफा तो लूंगी पर ये नुकसानदायक चीजें नहीं ... "
माँ आनी को आश्चर्यजनक नज़रों से देखे जा रही थी, उसे आनी का बदला हुआ रूप बड़ा अजीब सा लग रहा था।
"माँ…. मैं तो आपसे जन्मदिन के उपहार में एक गुलाब के फूलों का पौधा लूंगी।"
आनी की इस बात पर माँ को बड़ा आश्चर्य लगा पर उन्होंने उसे तोहफे में एक गुलाब के पौधे को देने के लिए हाँ कर दिया और आनी के जन्मदिन पर उसे एक सुंदर से गमले में लगा हुआ गुलाब का पौधा उपहार में दे दिया।
आनी ने उस गमले को अपनी बालकनी में रख दिया जहां उसे हल्की हल्की धूप लग रही थी और बड़े प्यार से उसकी देखभाल करने लगी।
करीब पन्द्रह दिन के बाद आनी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा जब उस पौधे में एक छोटा सा फूल खिल गया।
आनी ने गमले का फूल मम्मी और पापा को बड़ी शान से दिखाया तो मम्मी और पापा ने उसे बहुत शाबाशी दी।
मम्मी और पापा के द्वारा इस तरह से शाबाशी दिए जाने पर छोटे भाई तेजस को भी गमले में फूल उगाने की ललक जाग उठी और उसने भी मम्मी पापा से एक गमले के पौधे की ज़िद करनी शुरू कर दी, तेजस की ज़िद पर मम्मी ,पापा ने एक दूसरा गुलाब का पौधा तेजस को गिफ्ट कर दिया।
तेजस, आनी की ही तरह एक फूलों का गमला पाकर खुश हो गया था और वह दोनों समय अपने पौधे को पानी देता और पौधे का खूब ध्यान भी रखता।
कुछ दिनों के बाद तेजस के पौधे में भी एक छोटी सी कली आ गयी ,तेजस बहुत खुश हुआ और उसने अपने गमले को उठाकर आपके कमरे में रख लिया ताकि वह गुलाब के फूल को अपने सामने खिलता हुआ देख सके।
कुछ दिन बीत गए थे ,तेजस के पौधे में फूल तो नहीं आये पर उसका पौधा धीरेधीरे सूखने लगा ,तेजस परेशान हो गया उसने बाहर जाकर देखा तो पाया कि आनी के पौधे में कई फूल खिले थे।
तेजस ने आनी से जाकर पूछा, “दीदी तुम्हारे पौधे में तो कई फूल खिल गए हैं जबकि अंदर कमरे में रखा हुआ पौधा सूखने लगा है ….ऐसा क्यों हुआ?
आनी ने मुस्कुराते हुए तेजस को बताया कि किसी भी पौधे को बढ़ने और स्वस्थ रहने के लिए हवा,पानी और धूप सभी चीजों की बराबर मात्रा में आवश्यकता होती है ,जो गमला बाहर रखा रहा उसे ये तीनो चीजें बराबर मात्रा में मिलती रही जबकि तू जो गमला अंदर कमरे में रख आया था उसे धूप और शुद्ध वायु नहीं मिली बल्कि सिर्फ पानी ही मिला इसलिए बाहर वाले गमले में तो फूल आ गया और अंदर रखे गमले में लगा हुआ पौधा मुरझाने लगा है। "तो क्या दीदी .…मैं उस अंदर रखे गमले को बाहर रख दूँ तो वह पौधा ठीक हो जाएगा ?" "हाँ.…..हाँ ..क्यों नहीं।" इसके बाद तेजस अंदर रखे गमले को बाहर आंगन में उसी गमले के पास रख आया जहां उसे उचित मात्रा में धूप और वायु मिल रही थी।
तेजस और आनी की देखरेख में वह मुरझाया हुआ पौधा धीरेधीरे हरा होने लगा था और कुछ दिनों के बाद उसमें भी फूल आने लगे थे।
विज्ञान का ये साधारण सा नियम तेजस की समझ में आ गया था ,उसने आनी दीदी को धन्यवाद दिया जिसने ये नियम समझने में तेजस की मदद की।
"तो क्या दीदी ...मैं भी इसीलिए बीमार होता हूँ क्योंकि मैं आपकी तरह सेहतमंद चीज़ नहीं खाता "तेजस ने हैरत से आनी से पूछा।
"हाँ…...बिल्कुल ….तेजस तुम सिर्फ आलू और मीठा खाते हो जिससे तुम्हारे शरीर में सिर्फ कार्बोहाइड्रेट ही जाते हैं जबकि शरीर को बढ़ने के लिए कार्बोहाइड्रेट के साथ प्रोटीन और विटामिन्स की भी आवश्यकता होती हैं जिसके कारण तुम्हारे अंदर पोषक तत्वों की कमी हो जाती है और तुम्हारी रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है और बीमार हो जाते हो " आनी ने तेजस को समझाते हुए कहा "तो अगर मैं सब चीज़ खाऊं तो क्या सेहतमंद हो जाऊंगा और बीमार भी नहीं पड़ूंगा "तेजस ने हैरत से कहा।
"हाँ बिल्कुल सही समझे तुम।" आनी ने मुस्कुराते हुए कहा। "पर तेजस….तुम कहा जा रहे हो?"आनी ने पूछा।
"मैं तो चला किचन में …..माँ के हाथ की दाल और सब्जी खाने "तेजस ने दीदी से कहा मम्मी पापा तेजस का बदला रूप देख कर मुस्कुरा रहे थे।
-नीरज कुमार मिश्रा पलिया कलां, खीरी मोबाइल : 7007561510 ई-मेल : neerajamber007@gmail.com
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