जिस देश को अपनी भाषा और अपने साहित्य के गौरव का अनुभव नहीं है, वह उन्नत नहीं हो सकता। - देशरत्न डॉ. राजेन्द्रप्रसाद।
गर्मी की छुट्टियाँ (बाल-साहित्य )  Click to print this content  
Author:अमृता गोस्वामी

गर्मी की लो आ गईं छुट्टियाँ
करो खूब सब मिलकर मस्तियाँ।

जी भरकर सुनो कहानियाँ
दोस्तों संग बांटो खुशियाँ।

पार्क जाओ या जाओ पिकनिक
आईसक्रीम खाओ या पियो कोल्डड्रिंक।

समर कैंप का आनंद उठाओ
हॉबी को अपनी पंख लगाओ।

नाना नानी से मिल आओ
या चाहे दोस्तों के जाओ।

नहीं चिन्ता अब कोई नहीं डर
नहीं मिला है काम बैग भर।

सुबह उठने की जल्दी नहीं है
कोई परीक्षा सिर पर नहीं है ।

गर्मी की लो आ गईं छुट्टियाँ।
करो खूब सब मिलकर मस्तियाँ॥

-अमृता गोस्वामी
  जयपुर, राजस्थान,भारत

Previous Page  |  Index Page  |   Next Page
 
 
Post Comment
 
 
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश