23 अगस्त 2022 (न्यूजीलैंड): आज न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा ऑर्डन की लेबर पार्टी ने अपने सांसद डॉ. गौरव शर्मा को निष्कासित कर दिया है।
डॉ. शर्मा 2020 में हैमिल्टन वेस्ट से सांसद निर्वाचित हुए थे और अपनी शपथ संस्कृत में लेने के कारण विश्वभर में सुर्खियों में आए थे।
सांसद शर्मा ने अपनी पार्टी के विरुद्ध उत्पीड़न/दादागिरी का सार्वजनिक आरोप लगाया था, जिसके कारण उनकी पार्टी उनसे अप्रसन्न थी। आरोप सार्वजनिक तौर पर लगाने और इस विषय पर पुनः सार्वजनिक वक्तव्य देने पर लेबर पार्टी ने कुछ दिन पहले उन्हें निलंबित कर दिया था लेकिन सांसद डॉ. शर्मा अपनी बात पर अडिग रहे और उन्होंने इसकी निष्पक्ष जांच करने की मांग की। अपनी मांग सार्वजनिक दोहराने पर लेबर पार्टी ने उन्हें आज पार्टी से निष्कासित कर दिया। सांसद शर्मा ने प्रधानमंत्री जैसिंडा ऑर्डन पर झूठ बोलने का आरोप लगाया है।
आज सांसद शर्मा के 'पार्टी निष्कासन मतदान' से पहले ही राजनीतिक पंडितों ने सांसद शर्मा का निष्कासन लगभग तय बताया था।
प्रधानमंत्री ऑर्डन ने आज शर्मा के निष्कासन मतदान से पहले उनके दावों को "स्पष्ट रूप से गलत" बताते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने स्वतंत्र जांच करवाने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार "पारदर्शिता" के लिए प्रतिबद्ध है।
डॉ. शर्मा निर्दलीय सांसद के रूप में संसद में रहेंगे। ऑर्डन ने ऐसा कानून लागू नहीं किया जो सांसदों को अपनी मूल पार्टी छोड़ने पर पूरी तरह से संसद से बाहर करता है। मंगलवार के निष्कासन मतदान के पश्चात पत्रकारों से बात करते हुए, शर्मा ने जोर देकर कहा कि उन्हें "धमकाया गया" और उन्होंने "वास्तविक मुद्दे उठाए हैं"।
सन 2020 में सांसद निर्वाचित होने से पूर्व डॉ. शर्मा सामान्य चिकित्सक के रूप में कार्यरत थे।
डॉ. शर्मा से पहले कॉकस से निकाले जाने वाले अंतिम लेबर सांसद क्रिस कार्टर थे, जिन्हें 2010 में निष्कासित किया गया था।
2019 में एक स्वतंत्र समीक्षा में पाया गया था कि न्यूजीलैंड की संसद में दादागिरी और उत्पीड़न की एक व्यवस्थित संस्कृति रही है।
प्रधानमंत्री ऑर्डन ने मंगलवार को कहा, "इस प्रकरण से निश्चित रूप से कुछ सीखने की आवश्यकता है, लेकिन यह गौरव के हालिया व्यवहार को सही नहीं ठहराता।"
[भारत-दर्शन समाचार] |