एक खरगोश भेड़िये से तंग था। उसे किसी ने सलाह दी कि जंगल के 'प्रधान जी' से मिले।
भोला-भाला खरगोश 'प्रधान जी' से मिला। उसने 'प्रधान जी' को मदद की गुहार लगाई। उसकी भोली-भाली सूरत देखकर शेर को बड़ी दया आयी। 'इसकी मुलायम-मुलायम त्वचा कितनी स्वादिष्ट होगी!' दया सिसक उठी और-----!
- रोहित कुमार 'हैप्पी' |