अपनी सरलता के कारण हिंदी प्रवासी भाइयों की स्वत: राष्ट्रभाषा हो गई। - भवानीदयाल संन्यासी।
न्यूज़ीलैंड की संसद में संस्कृत में ऐतिहासिक शपथ  (विविध)  Click to print this content  
Author:रोहित कुमार हैप्पी

Dr Gaurav Sharma, the MP for Hamilton West, took the oath in local language te reo and then in Sanskrit during the swearing-in ceremony.

डॉ. गौरव शर्मा ने संस्कृत में ली शपथ

25 नवंबर 2020 (न्यूज़ीलैंड): न्यूज़ीलैंड के भारतीय मूल के नवनिर्वाचित सांसद डॉ. गौरव शर्मा ने संस्कृत में शपथ लेकर न्यूज़ीलैंड के भारतीय अध्याय में एक नया ऐतिहासिक अध्याय जोड़ दिया है। वे न्यूज़ीलैंडके पहले व विश्व के दूसरे ऐसे राजनीतिज्ञ हैं जिन्होंने भारत से बाहर की किसी संसद में संस्कृत में शपथ ली है।  इनसे पहले भारतीय मूल के सूरीनाम के राष्ट्रपति चंद्रिका प्रसाद संतोखी  ने अपनी शपथ संस्कृत में ली थी। 

हिंदी में शपथ न लेने के प्रश्न पर युवा सांसद डॉ. गौरव शर्मा ने कहा, "सच कहूं तो मैंने ऐसा सोचा था, लेकिन तब इसे पहाड़ी (मेरी पहली भाषा) या पंजाबी में करने का सवाल उठता। सभी को खुश रखना मुश्किल है। संस्कृत में शपथ लेना सभी भारतीय भाषाओं का सम्मान करना है।"

संस्कृत के विषय में वे कहते हैं, "मैंने भारत के ग्रामीण क्षेत्र के एक छोटे से स्कूल में संस्कृत का अध्ययन किया, जहाँ यह केवल किसी एक वर्ग या संस्कृति से  सम्बन्धित न होकर,  हर छात्र के पाठ्यक्रम का अनिवार्य हिस्सा है।"

डॉ. शर्मा हैमिल्टन वेस्ट से लेबर पार्टी के नवनिर्वाचित सांसद हैं,  वे निर्वाचित होकर सांसद बनने वाले भारतीय मूल के पहले व्यक्ति हैं।  उनके अतिरिक्त प्रियंका राधाकृष्णन भी इस बार 'लेबर पार्टी' से निर्वाचित हुई हैं।  न्यूज़ीलैंड में अभी तक भारतीय मूल के अनेक सांसद रह चुके हैं लेकिन वे निर्वाचित न होकर, मनोनीत सांसद थे।  इन्हीं में से एक कंवलजीत सिंह बख्शी ने भी पिछली बार न्यूज़ीलैंड की संसद में अपनी शपथ हिंदी में लेकर इतिहास रचा था।  वे न्यूज़ीलैंड के पहले ऐसे सांसद थे जिन्होंने अपनी शपथ हिंदी में ली थी।  

  
डॉ. शर्मा ने मूलतः  हिमाचल से हैं।  वे केवल 12 वर्ष की आयु में अपने अभिभावकों के साथ  न्यूजीलैंड आ बसे थे। उनकी अधिकांश शिक्षा-दीक्षा न्यूजीलैंड में हुई है।  वे पेशे से डॉक्टर हैं। उन्होंने ऑकलैंड से एमबीबीएस और वाशिंगटन से एमबीए की है। उन्होंने संसद के रूप में अपनी शपथ पहले माओरी भाषा (न्यूजीलैंड की स्वदेशी भाषा) और उसके पश्चात संस्कृत भाषा में ली।  

न्यूजीलैंड में भारत के उच्चायुक्त, 'मुक्तेश कुमार परदेशी' ने  डॉ. शर्मा के शपथ ग्रहण के बारे में कहा, "उन्होंने माओरी और संस्कृत दोनों भाषाओं में शपथ लेकर न्यूज़ीलैंड और भारत दोनों  की सांस्कृतिक परम्पराओं का सम्मान किया है।"

- रोहित कुमार 'हैप्पी' 
  न्यूज़ीलैंड   

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