हिंदी के पुराने साहित्य का पुनरुद्धार प्रत्येक साहित्यिक का पुनीत कर्तव्य है। - पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल।
जामुन (बाल-साहित्य )  Click to print this content  
Author:श्रीप्रसाद

पौधा तो जामुन का ही था
लेकिन आये आम
पर जब खाया, तब यह पाया
ये तो है बादाम
जब उनको बोया ज़मीन में
पैदा हुए अनार
पकने पर हो गये संतरे
मैंने खाए चार। 

-श्रीप्रसाद 

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