'यीशु ही परमात्मा का सच्चा बेटा है।' ईसाई ने कहा।
'मुहम्मद ही एक मात्र पैगंबर है।' मुस्लिम ने अपना मत व्यक्त किया।
'शिव सर्वोच्च है और वो ही ईश्वर है।' हिंदू ने कहा।
'हमारे गुरू पैगंबर थे और वे ही सबको पार लगा सकते हैं।' सिख ने बताया।
वाद-विवाद जोरों पर था। उसी समय एक प्रकाशकुंज से एक आकृति प्रकट हुई। सभी उस ओर देखने लगे।
'मेरा यीश!'
'मुहम्मद!'
'शिव भगवान!'
'वाहे गुरू!'
सभी नतमस्तक होकर आकृति को देख अपनी श्रद्धा व्यक्त करने लगे। फिर धीरे-धीरे आकृति अंतर्ध्यान हो गई।
'वो यीशु था!'
'नहीं, मुहम्मद था!'
'अरे, शंकर भगवान थे!'
'वो तो वाहे गुरू थे!'
एक दूसरे को झूठा बताते हुए वे फिर लड़ने लगे।
-रोहित कुमार 'हैप्पी'
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