हिंदी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिये बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है। - सुनीतिकुमार चाटुर्ज्या।
 
हमको सपने टूटने का ग़म नहीं | ग़ज़ल (काव्य)     
Author:रोहित कुमार 'हैप्पी'

हमको सपने टूटने का ग़म नहीं
अपने ही वादों में था कोई दम नहीं!

माना तुम भी ज़िंदगी से खुश नहीं
गम मेरे हिस्से में भी कुछ कम नहीं!

दुनिया कांटे लाख रख मेरी राहों में
पाँव सकते मेरे बढ़ते थम नहीं!

दिल से रोया होगा उनको याद कर
आँख थी 'रोहित' की बिल्कुल नम नहीं!

          - रोहित कुमार 'हैप्पी'

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