परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।
जितना कम सामान रहेगा | नीरज का गीत  (काव्य)    Print  
Author:गोपालदास ‘नीरज’
 

जितना कम सामान रहेगा
उतना सफ़र आसान रहेगा

जितनी भारी गठरी होगी
उतना तू हैरान रहेगा

उससे मिलना नामुमक़िन है
जब तक ख़ुद का ध्यान रहेगा

हाथ मिलें और दिल न मिलें
ऐसे में नुक़सान रहेगा

जब तक मन्दिर और मस्जिद हैं
मुश्क़िल में इन्सान रहेगा

‘नीरज' तो कल यहाँ न होगा
उसका गीत-विधान रहेगा

- नीरज

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