हे री मैं तो प्रेम-दिवानी मेरो दरद न जाणै कोय। घायल की गति घायल जाणै जो कोई घायल होय। जौहरि की गति जौहरी जाणै की जिन जौहर होय। सूली ऊपर सेज हमारी सोवण किस बिध होय। गगन मंडल पर सेज पिया की किस बिध मिलणा होय। दरद की मारी बन-बन डोलूं बैद मिल्या नहिं कोय। मीरा की प्रभु पीर मिटेगी जद बैद सांवरिया होय।
- मीरा बाई
|