परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।
डॉ मानव के हाइकु  (काव्य)    Print  
Author:डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav
 

देखे जो छवि
जड़ में चेतन की
वही तो कवि 

किस्त चुकाते
चुक गया जीवन
चुके न खाते 

दु:ख पाहुना
कुछ लेकर आया
देकर गया

घर में घर
आदमी में आदमी
फिर भी डर

-डॉ रामनिवास मानव

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