हिंदी भाषा को भारतीय जनता तथा संपूर्ण मानवता के लिये बहुत बड़ा उत्तरदायित्व सँभालना है। - सुनीतिकुमार चाटुर्ज्या।
मुस्कान (काव्य)    Print  
Author:डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड
 

उन्होंने कहा-- 
तुम्हारी मुस्कान में
एक जादू है।
बहुत ही प्यारी और निश्छल है।

हमने कहा नहीं--
तुम क्या जानो
इसके पीछे का दर्द! 

वे बोले--
तुम्हारी आँखों की गहराई 
मन को मोह लेने वाली है।

हम हँसे पर बोले नहीं-- 
इस गहराई के पीछे 
छुपे द्वंद्व को
पहचान पाओगे तुम? 

पहचानते तो 
समझ जाते 
पूरा व्यक्तित्व
खुद-ब-खुद।  

 -डॉ.पुष्पा भारद्वाज-वुड
   न्यूज़ीलैंड

Back
 
 
Post Comment
 
  Captcha
 

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश