परमात्मा से प्रार्थना है कि हिंदी का मार्ग निष्कंटक करें। - हरगोविंद सिंह।
क्षणिका (काव्य)    Print  
Author:डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड
 

ना तुमने कुछ कहा, ना हमने कुछ कहा।
बस यूँ ही बिना कुछ कहे, बिना कुछ सुने
अपनी अपनी खामोशी में
सभी कुछ तो कह गए हम दोनों।

-डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड 
 न्यूज़ीलैंड

 

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