हिंदुस्तान की भाषा हिंदी है और उसका दृश्यरूप या उसकी लिपि सर्वगुणकारी नागरी ही है। - गोपाललाल खत्री।
प्रेम के कई चेहरे (काव्य)    Print  
Author:सुषम बेदी
 

वाटिका की तापसी सीता का
नकटी शूर्पणखा का
चिर बिरहन गोपिका का
जुए में हारी द्रौपदी का
यम को ललकारती
सावित्री का।

-सुषम बेदी

[सुषम बेदी की कविता]

 

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