हिंदी के पुराने साहित्य का पुनरुद्धार प्रत्येक साहित्यिक का पुनीत कर्तव्य है। - पीताम्बरदत्त बड़थ्वाल।
तुम्हारे रक्त में बहूं मैं  (काव्य)    Print  
Author:प्रीता व्यास | न्यूज़ीलैंड
 

मेरी ख़ामोशी का
ये अर्थ नहीं
कि मै बस राख हूँ
गौर से देखो
राख की परतों तले
सुलगती आग भी है
अगर तुम्हें जलने का डर ना हो
तो ये आग उठाकर
अपने दिल में रख लो
मै चाहती हूँ
कि तुम्हारी नसों में
बहते रक्त के साथ
ऊर्जा बनकर
मै जिंदगी भर बहती रहूँ।

-प्रीता व्यास
 न्यूज़ीलैंड

 

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