बहुत सारा प्याज़ काटने बैठ जाती थी माँ। कहती थी मसाला भूनना है।
दीदी को भी बड़ा प्यारा लगता प्याज़ काटना।
तब समझ नहीं पाती थी इतना अच्छा क्या है प्याज़ काटने में
आज पूछती है बेटी क्या हुआ? और वो कह देती है कुछ नहीं प्याज़ काट रही हूँ।
- स्वरांगी साने ई-मेल: swaraangisane@gmail.com |