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होलिकांक मार्च -अप्रैल 2015

Released: February 2015

होलिकांक मार्च -अप्रैल 2015

इस अंक की कुल रचनाएँ : 85

होलिकांक में होली की कथाएं, कहानियाँ, पद, भजन, फाग सवैय्ये, दोहे, कविताएं, हास्य रस पढ़ें। इसके अतिरिक्त हिंदी कहानी व कथाएं पढ़िए। Online Holi Legends, stories poetry.

इस अंक के बारे में विस्तृत जानकारी पढ़ें [ i ]

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देहली (27 मार्च 2015): भारत के राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी को 27 मार्च, 2015 को नई दिल्ली में अटलजी के आवास पर "भारत रत्न" प्रदान किया। [विस्तृत समाचार पढ़िए ]

23 मार्च 'भगतसिंह, सुखदेव व राजगुरू' का बलिदानी-दिवस होता है। उन्हीं की समृति में यहां शहीदी-दिवस को समर्पित विशेष सामग्री प्रकाशित की गई है।

भारत-दर्शन का होलिकांक आपको भेंट।

इस अंक में होली से संबंधित रचनाओं को प्रमुखता से प्रकाशित किया गया है। भारत-दर्शन का सम्पूर्ण होली-विशेषांक पढ़ें।

होली भारत का प्रमुख त्योहार है। होली वसंत ऋतु में मनाया जाने वाला एक प्रमुख भारतीय त्योहार है। यह पर्व हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। होली जहाँ एक ओर सामाजिक एवं धार्मिक है, वहीं रंगों का भी त्योहार है।

आप सभी को होली की शुभ-कामनाएं।
होलिकांक में सम्मिलित हैं - 'होली की पौराणिक-कथाएं, मीरा के होली पद, मीरा के भजन, 'श्याम सखा मोरी रंग दे चुनरिया' व 'होरी खेलत हैं गिरधारी', 'घासीराम के होली पद, सूरदास के पद, ॠतु फागुनी नियरानी हो (कबीर), रसखान के फाग सवैय्ये पढ़िए।

इस अंक की प्रमुख कहानियाँ हैं - प्रेमचंद की 'होली की छुट्टी', यशपाल की 'होली का मज़ाक', 'फणीश्वरनाथ रेणु की 'रसप्रिया', अज्ञेय की 'मेजर चौधरी की वापसी', निर्मल वर्मा की 'धूप का एक टुकड़ा',व इनके अतिरिक्त क़ैस जौनपुरी की 'होली बाद नमाज़' व सपना मांगलिक की कहानी, 'जैसा राम वैसी सीता' पढ़िए।

फणीश्वरनाथ रेणु की पहली कविता, 'साजन होली आई है', भारतेंदु की ग़ज़ल, 'गले मुझको लगा लो ए दिलदार होली में', निराला की कविता, 'खून की होली' व 'वसंत आया', , जयशंकर प्रसाद की कविता, 'होली की रात', गोपालसिंह नेपाली की कविता, 'बरस-बरस पर आती होली', जैमिनी हरियाणवी की हास्य कविता, 'प्यार भरी बोली', आलेखों में - डा जगदीश गांधी का, 'आपसी प्रेम एवं एकता का प्रतीक है होली', अशोक भाटिया का आलेख 'होली आई रे', लोकगीतों में झलकती संस्कृति का प्रीतक : होली (आलेख), होली के विविध रंग (आलेख), सबकी 'होली' एक दिन, अपनी 'होली' सब दिन (आलेख), रंगों के त्यौहार में तुमने (कविता), तुझ संग रंग लगाऊं कैसे (कविता), अरी भागो री भागो री गोरी भागो, कल कहाँ थे कन्हाई (गीत), अजब हवा (गीत), आओ होली (कविता), होली के दोहे, रंगो के त्यौहार में तुमने (कविता), रंग की वो फुहार दे होली (कविता), आज की होली (काव्य), गिरीश पंकज की होली ग़ज़ल, 'मन में रहे उमंग तो समझो होली है', हास्य रस में 'काव्य मंच पर होली' भी पढ़ें ।

इस अंक में महादेवी वर्मा, फणीश्वरनाथ रेणु व अज्ञेय की रचनाएं भी प्रकाशित की गई हैं। तीनों का जन्म मार्च में हुआ था। महादेवी वर्मा का जन्म-दिवस 26 मार्च को होता है, वैसे वे होली के दिन ही पैदा हुई थीं। अन्य भारतीय उत्सवों की तरह होली के साथ भी विभिन्न पौराणिक कथाएं जुड़ी हुई हैं। यहाँ विभिन्न कथाओं को उद्धृत किया गया है। पढ़िए 'होली की पौराणिक कथाएं'।

मैथिलीशरण गुप्त की 'भारत-भारती' व 'रामावतार त्यागी की, 'मैं दिल्ली हूँ' भी पढ़ें।

हमारा प्रयास रहा है कि ऐसी सामग्री प्रकाशित की जाए जो इंटरनेट पर उपलब्ध नहीं है। आप पाएंगे की यहाँ प्रकाशित अधिकतर सामग्री केवल 'भारत-दर्शन' के प्रयास से इंटरनेट पर अपनी उपस्थिति दर्ज कर रही है । इस क्रम को आगे बढ़ाते हुए इस बार सुभद्राकुमारी चौहान की कहानी, 'होली' प्रकाशित की जा रही है। पिछले अंकों में हमने यशपाल की कहानी 'परदा' और जैनेन्द्र की कहानी, 'पाजेब' प्रकाशित की थी।

इस अंक में सम्मिलित हैं - कहानियाँ, कविताएँ, गीत, दोहे, ग़ज़लें, आलेख, व्यंग्य, लघु-कथाएं व बाल-साहित्य।

उपरोक्त सामग्री के अतिरिक्त आप भारत-दर्शन के समग्र संचयन में भी कहानी, लघु-कथाएं, कविताएं व बाल-साहित्य पढ़ सकते हैं जिनमें पत्रिका में प्रकाशित अभी तक प्रकाशित/अप्रकाशित सामग्री सम्मिलित है।

आशा है पाठकों का स्नेह मिलता रहेगा। आप भी भारत-दर्शन में प्रकाशनार्थ अपनी रचनाएं भेजें। हिंदी लेखकों व कवियों के चित्रों की श्रृँखला भी देखें। यदि आप के पास दुर्लभ चित्र उपलब्ध हों तो अवश्य प्रकाशनार्थ भेजें। इस अनूठे प्रयास में अपना सहयोग दें।

गोपालदास नीरज के दोहे
काव्य — गोपालदास ‘नीरज’
रसप्रिया
कथा-कहानियाँ — फणीश्वरनाथ रेणु | Phanishwar Nath 'Renu'
साजन! होली आई है!
काव्य — फणीश्वरनाथ रेणु | Phanishwar Nath 'Renu'
प्यार भरी बोली | होली हास्य कविता
काव्य — जैमिनी हरियाणवी | Jaimini Hariyanavi
मुट्ठी भर रंग अम्बर में
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
फागुन के दिन चार
काव्य — मीराबाई
मेजर चौधरी की वापसी
कथा-कहानियाँ — अज्ञेय
सूर के पद | Sur Ke Pad
काव्य — सूरदास
मीरा के पद - Meera Ke Pad
काव्य — मीराबाई
जो पुल बनाएँगें
काव्य — अज्ञेय
डा रामनिवास मानव की बाल-कविताएं
बाल-साहित्य — डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav
वसन्त आया
काव्य — सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
संत दादू दयाल के पद
काव्य — संत दादू दयाल | Sant Dadu Dayal
यह भी नशा, वह भी नशा | लघुकथा
कथा-कहानियाँ — मुंशी प्रेमचंद
होली की छुट्टी
कथा-कहानियाँ — मुंशी प्रेमचंद
मीरा के होली पद
काव्य — मीराबाई
होली की रात | Jaishankar Prasad Holi Night Poetry
काव्य — जयशंकर प्रसाद | Jaishankar Prasad
मुक्तिबोध की कविता
काव्य — गजानन माधव मुक्तिबोध | Gajanan Madhav Muktibodh
होली आई रे | बाल कविता
बाल-साहित्य — प्रकाश मनु | Prakash Manu
ऋतु फागुन नियरानी हो
काव्य — कबीरदास
होरी खेलत हैं गिरधारी
काव्य — मीराबाई
होली का मज़ाक | यशपाल की कहानी
कथा-कहानियाँ — यशपाल | Yashpal
धूप का एक टुकड़ा | कहानी
कथा-कहानियाँ — निर्मल वर्मा | Nirmal Verma
ख़ून की होली जो खेली
काव्य — सूर्यकांत त्रिपाठी 'निराला'
बगीचा
बाल-साहित्य — आनन्द विश्वास | Anand Vishvas
सूरज दादा कहाँ गए तुम
बाल-साहित्य — आनन्द विश्वास | Anand Vishvas
आओ होली खेलें संग
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
गर धरती पर इतना प्यारा
बाल-साहित्य — डॉ शम्भुनाथ तिवारी
परिंदे की बेज़ुबानी
काव्य — डॉ शम्भुनाथ तिवारी
जंगल-जंगल ढूँढ रहा है | ग़ज़ल
काव्य — विजय कुमार सिंघल
एक भी आँसू न कर बेकार
काव्य — रामावतार त्यागी | Ramavtar Tyagi
होली व फाग के दोहे
काव्य — रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड
हास्य दोहे | काका हाथरसी
काव्य — काका हाथरसी | Kaka Hathrasi
बरस-बरस पर आती होली
काव्य — गोपाल सिंह नेपाली | Gopal Singh Nepali
मैं दिल्ली हूँ | चार
काव्य — रामावतार त्यागी | Ramavtar Tyagi
हमारी सभ्यता
काव्य — मैथिलीशरण गुप्त | Mathilishran Gupt
होली | कहानी
कथा-कहानियाँ — सुभद्रा कुमारी
होली आई रे
विविध — डॉ मनिन्दर भाटिया
घासीराम के पद
काव्य — घासीराम | Ghasiram Ke Pad
होली पौराणिक कथाएं
कथा-कहानियाँ — भारत-दर्शन संकलन
होली | बाल कविता
बाल-साहित्य — गीत माला
होली | बाल कविता
बाल-साहित्य — गुलशन मदान
काव्य मंच पर होली
काव्य — बृजेन्द्र उत्कर्ष
होली आई - होली आई
काव्य — हर्ष कुमार
रंग की वो फुहार दे होली
काव्य — गोविंद कुमार
दो लघु-कथाएँ
कथा-कहानियाँ — बृजेश नीरज
फर्ज | लघुकथा
कथा-कहानियाँ — सुरेन्द्र कुमार अरोड़ा
अनशन | लघु कथा
कथा-कहानियाँ — डॉ. पूरन सिंह
महीने के आख़री दिन
कथा-कहानियाँ — राकेश पांडे
दृष्टि
कथा-कहानियाँ — रोहित कुमार 'हैप्पी'
ज़माना रिश्वत का
काव्य — यादराम शर्मा
जो कुछ है मेरे दिल में
काव्य — अनिल कुमार 'अंदाज़'
सबकी ‘होली’ एक दिन, अपनी ‘होली’ सब दिन
विविध — डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
रंगो के त्यौहार में तुमने
काव्य — राहुल देव
तुझसंग रंग लगाऊँ कैसे
काव्य — प्रशांत कुमार पार्थ
अरी भागो री भागो री गोरी भागो
काव्य — भारत दर्शन संकलन
कल कहाँ थे कन्हाई
काव्य — भारत दर्शन संकलन
जैसा राम वैसी सीता | कहानी
कथा-कहानियाँ — सपना मांगलिक
होली बाद नमाज़
कथा-कहानियाँ — क़ैस जौनपुरी | कहानी
अजब हवा है
काव्य — कृष्णा कुमारी
द्रोणाचार्य | कविता
काव्य — डॉ. भूपेन्द्र सिंह गर्गवंशी
बलजीत सिंह की दो कविताएं
काव्य — बलजीत सिंह
आज की होली
काव्य — ललितकुमारसिंह 'नटवर'
नाग और चीटियां
बाल-साहित्य — विष्णु शर्मा
रंगों की मस्ती | गीत
काव्य — अलका जैन
हर कोई है मस्ती का हकदार सखा होली में
काव्य — डॉ. श्याम सखा श्याम
कभी पत्थर कभी कांटे कभी ये रातरानी है
काव्य — डॉ. श्याम सखा श्याम
खेलो रंग से | कविता
काव्य — डॉ. श्याम सखा श्याम
व्यापारी और नक़लची बंदर
बाल-साहित्य — अज्ञात
पौराणिक कथाएँ
कथा-कहानियाँ — भारत-दर्शन संकलन
राजनैतिक होली
काव्य — डॉ एम.एल.गुप्ता आदित्य