निर्मल वर्मा का कहानी में आधुनिकता का बोध लाने वाले कहानीकारों में अग्रणी स्थान है।
3 अप्रैल को हिंदी लेखक व कहानीकार, 'निर्मल वर्मा' की जयंति होती है। निर्मल वर्मा का जन्म तीन अप्रैल 1929 को शिमला में हुआ था। दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कालेज से इतिहास में एम. ए. करने के पश्चात् उन्होंने कुछ समय तक अध्यापन किया। 1959 से 1972 तक आप यूरोप प्रवास पर रहे। आपकी कहानी ‘माया दर्पण' पर 1973 में फिल्म बनी जिसे सर्वश्रेष्ठ हिन्दी फिल्म का पुरस्कार मिला।
1999 में साहित्य में देश का सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ दिया गया और 2002 में सरकार की ओर से साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए पद्म भूषण दिया गया।
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