काकोरी कांड | 9 अगस्त

9 अगस्त 1925 की रात चंद्रशेखर आजाद, राम प्रसाद बिस्मिल, अशफाक उल्ला खां और राजेंद्र लाहिड़ी सहित कई क्रांतिकारियों ने लखनऊ से कुछ दूरी पर काकोरी और आलमनगर के बीच रेलगाड़ी में ले जाए जा रहे सरकारी ख़जाने को लूट लिया।

ख़जाना लूटने में तो क्रांतिकारी सफल हुए लेकिन पुलिस ने शीघ्र ही उन्हें खोज निकाला।

चंद्रशेखर आजाद तो पुलिस के हाथ नहीं आए लेकिन काकोरी कांड में सम्मिलित रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह, अशफाक उल्ला खां और राजेंद्र प्रसाद लाहिड़ी को 19 दिसंबर 1927 को फांसी दे दी गई थी। शेष कुछ क्रांतिकारियों को 4 वर्ष का कारागार और अन्य को काला पानी की सजा सुनाई गई।

रामप्रसाद 'बिस्मिल' ने फांसी से पहले देशवासियों को इस तरह संबोधित किया था:

मरते 'बिस्मिल', 'रोशन', 'लहरी', 'अशफाक' अत्याचार से ।
होंगे पैदा सैंकड़ों इनके रुधिर की धार से ॥

[भारत-दर्शन]