प्रभाष जोशी का जन्म 15 जुलाई, 1937 को मध्यप्रदेश में सिहोर जिले के आष्टा गाँव में हुआ था।
मिडिल स्कूल और हाई स्कूल तक की शिक्षा इंदौर के महाराजा शिवा जी राव में हुई।
आपने होल्कर कॉलेज, गुजराती कॉलेज और क्रिश्चियन कॉलेज में गणित और विज्ञान का अध्ययन किया। देवास के सुनवानी महाकाल में ग्राम सेवा और अध्यापन किया।
आप पत्रकारिता को समाज परिवर्तन का माध्यम मानते थे। 1960 में ‘नई दुनिया' में काम किया। आपने राजेन्द्र माथुर, शरद जोशी और राहुल बारपुते के साथ काम किया। यहीं विनोबा की पहली नगर यात्रा की रिपोर्टिंग की।
प्रभाष जोशी का जन्म इंदौर (मध्य प्रदेश) में हुआ। उन्होंने पत्रकारिता की शुरुआत नयी दुनिया के संपादक राजेंद्र माथुर के सान्निध्य 'में की और उनसे पत्रकारिता के संस्कार लिए। इंडियन एक्सप्रेस के अहमदाबाद, चंडीगढ़ संस्करणों का संपादन, प्रजापति का संपादन और सर्वोदय संदेश में संपादन सहयोग किया। 1983 में उनके संपादन में जनसत्ता अखबार निकला जिसने हिंदी पत्रकारिता को नयी ऊँचाइयाँ दीं।
गांधी, विनोबा और जयप्रकाश के आदर्शों में यकीन रखने वाले प्रभाष जी ने जनसत्ता को सामाजिक सरोकारों से जोड़ा। वे जनसत्ता में नियमित स्तंभ भी लिखा करते थे। कागद कारे नाम से उनके लेखों का संग्रह प्रकाशित है।
2005 में जनसत्ता में लिखे लेखों, संपादकीयों का चयन हिंदू होने का धर्म शीर्षक से प्रकाशित हुआ है।
प्रभाष जी में मालवा की मिट्टी के संस्कार गहरे तक बसे थे और वे इसी से ताकत पाते थे। देशज भाषा के शब्दों को मुख्यधारा में लाकर उन्होंने हिंदी पत्रकारिता को एक नया तेवर दिया और उसे अनुवाद की कृत्रिम भाषा की जगह बोलचाल की भाषा के करीब लाने का प्रयास किया। प्रभाष जी ने पत्रकारिता में खेल, सिनेमा, संगीत, साहित्य जैसे गैर पारंपरिक विषयों पर गंभीर लेखन की नींव डाली। क्रिकेट, टेनिस हो या कुमार गंधर्व का गायन, इन विषयों पर उनका लेखन मर्मस्पर्शी है।
निधन : 5 नवम्बर, 2009 को दिल्ली में आपका निधन हो गया।
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