प्रो. मदन लाल मधु (22 मई, 1925 - 7 जुलाई, 2014) रूसी-हिंदी के मजबूत संवाद सेतु थे। मौलिक एवं अनूदित लेखन के क्षेत्र में आपका सराहनीय योगदान रहा। इन दो भाषाओं में इनके विशिष्ट रचनात्मक योगदान और अनुवाद कार्य के लिए इन्हें पुश्किन स्वर्ण पदक, मैत्री पदक, स्वर्णाक्षर पुरस्कार और भारत के राष्ट्रपति द्वारा पद्मश्री से विभूषित किया गया है। अविस्मरणीय रचनाकार प्रो. मदनलाल मधु को केंद्रीय हिंदी संस्थान द्वारा पद्मभूषण डॉ. मोटूरि सत्यनारायण पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
प्रो. मदन लाल मधु का जन्म 22 मई, 1925 में हुआ। प्रचुर मात्रा में रूसी लोक साहित्य, बाल साहित्य के लेखन-संकलन के साथ-साथ प्रो. मधु ने हिंदी-रूसी-शब्दकोश का निर्माण कर हिंदी छात्रों के लिए रूसी-सीखने का मार्ग प्रशस्त किया। हिंदी के रूसी अध्यापकों की अनेक प्रकार से सहायता करते हुए उन्होंने रूसी पत्रिका के हिंदी संस्करण का लंबे समाय तक संपादन किया। इसके अतिरिक्त प्रो. मधु मास्को रेडियो से भी जुड़े रहे।
|