अदम गोंडवी का वास्तविक नाम रामनाथ सिंह था। आपका जन्म 22 अक्तूबर 1947 को आटा ग्राम, परसपुर, गोंडा, उत्तर प्रदेश में हुआ था।
कुछ प्रमुख कृतियाँ: धरती की सतह पर, समय से मुठभेड़ (कविता संग्रह)
निधन: 18 दिसंबर 2011 को अदम गोंडवी का निधन हो गया।
अजीत कुमार सिंह का 'अदम गोंडव के जन्मदिन पर विशेष आलेख।
गोंडवीजी के जन्म दिवस पर उनकी कुछ ग़ज़लें
1)
हिन्दू या मुस्लिम के अहसासात को मत छेड़िए अपनी कुरसी के लिए जज्बात को मत छेड़िए
हममें कोई हूण, कोई शक, कोई मंगोल है दफ़्न है जो बात, अब उस बात को मत छेड़िए
ग़र ग़लतियाँ बाबर की थी; जुम्मन का घर फिर क्यों जले ऐसे नाज़ुक वक़्त में हालात को मत छेड़िए
हैं कहाँ हिटलर, हलाकू, जार या चंगेज़ ख़ाँ मिट गये सब, क़ौम की औक़ात को मत छेड़िए
छेड़िए इक जंग, मिल-जुल कर गरीबी के खिलाफ़ दोस्त मेरे मजहबी नग़मात को मत छेड़िए
2)
जिसके सम्मोहन में पागल धरती है आकाश भी है एक पहेली-सी दुनिया ये गल्प भी है इतिहास भी है
चिंतन के सोपान पे चढ़ कर चाँद-सितारे छू आये लेकिन मन की गहराई में माटी की बू-बास भी है
इन्द्र-धनुष के पुल से गुज़र कर इस बस्ती तक आए हैं जहाँ भूख की धूप सलोनी चंचल है बिन्दास भी है
कंकरीट के इस जंगल में फूल खिले पर गंध नहीं स्मृतियों की घाटी में यूँ कहने को मधुमास भी है
3)
जिस्म क्या है रूह तक सब कुछ ख़ुलासा देखिये आप भी इस भीड़ में घुस कर तमाशा देखिये
जो बदल सकती है इस पुलिया के मौसम का मिजाज़ उस युवा पीढ़ी के चेहरे की हताशा देखिये
जल रहा है देश यह बहला रही है क़ौम को किस तरह अश्लील है कविता की भाषा देखिये
मतस्यगंधा फिर कोई होगी किसी ऋषि का शिकार दूर तक फैला हुआ गहरा कुहासा देखिये
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[ भारत-दर्शन संकलन ] |