बौद्ध धर्म के विषय में प्रायः एक भ्रांति लोगों के मन में यह रहती है कि यह मात्र एक धर्म है जो हमें हिन्दू धर्म के विपरीत आध्यात्मिक ज्ञान प्रदान करता है। जबकि वास्तविकता यह है कि बौद्ध धर्म शैक्षिक मानव जीव के सामाजिक, सांस्कृतिक, धार्मिक, आर्थिक एवं राजनैतिक क्षेत्रों में लोक कल्याण की दीक्षा देता है। बौद्ध धर्म विश्व के सभी धर्मों में अपना अद्वितीय स्थान रखता है। इस धर्म ने मानव लोक कल्याण की भावना को जन्म दिया और शान्ति का उपदेश देकर सबसे पहले पंचशील के विषय में अवगत कराया। लोगों को समता-करुणा-प्यार के साथ रहना सिखाया। बौद्ध धर्म सुखमय जीवन बिताने का मार्ग प्रशस्त करता है।
‘‘महामंगलसुत्त'' और ‘‘करणीयमेत्तसुत्त'' विश्व के मानव को बन्धुता के सूत्र में आबद्ध रखने में आज भी सक्षम है। इसमें सुशिक्षित होना, शिल्प प्रशिक्षित होना, विनयशील होना, मृदुभाषी होना, माता-पिता की सेवा करना, पत्नी और सन्तानों का पालन-पोषण करना, अहितकारी कर्मों से दूर रहना, दान देना, पवित्र जीवन बिताना, आपत्ति-विपत्ति आने पर साहसपूर्वक उसका सामना करना और विचलित न होना क्रोध पर विजय प्राप्त
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