भारत की परंपरागत राष्ट्रभाषा हिंदी है। - नलिनविलोचन शर्मा।
वृंदावनलाल वर्मा जयंती | 9 जनवरी
 
 

वृंदावनलाल वर्मा का जन्म 9 जनवरी, 1889 को मऊरानीपुर, झाँसी (उत्तर प्रदेश) में हुआ था। आपके पिता का नाम अयोध्या प्रसाद था।

वृंदावनलाल वर्मा जी के विद्या-गुरु स्वर्गीय पण्डित विद्याधर दीक्षित थे। आप प्रसिद्ध ऐतिहासिक उपन्यासकार एवं निबंधकार थे।

आपने मुख्यत: नाटक, कहानी, निबंध व उपन्यास विधाओं में सृजन किया है।

साहित्य कृतियां:

उपन्यास : अहिल्या बाई, भुवन विक्रम, गढ़ कुण्डार, विराटा की पद्मिनी, झांसी की रानी, कचनार, मुसाहिबजू, माधवजी सिंधिया, टूटे कांटे, मृगनयनी, संगम, लगान, कुण्डली चक्र, प्रेम की भेनी, कभी न कभी, आँचल मेरा कोई, राखी की लाज, अमर बेल

नाटक : हंस मयूर, बांस की फांस, पीले हाथ, केवट, पूर्व की ओर, नीलकंठ, मंगल सूत्र, बीरबल, ललित विक्रम


23 फरवरी, 1969 को आपका निधन हो गया।

 

#

आइए, वृंदावनलाल वर्माकी कुछ कविताओं का आनंद लें।

 

विनोद

है विनोद बिन जीवन भार
है विनोद बिन जड़ संसार
है विनोद बिन बुद्धि असार
है विनोद बिन देह पहार
है विनोद से बुद्धि विकास
ज्ञान-तंतुओं से परकास
शक्ति कवित्व इसी से निकली
ईश भावना इस से उजली।

#

 

सूरज के घोड़े
सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं
टापों की खटकार सुनाकर तम को मार भगाते हैं
कमल-कटोरों से जल पीकर अपनी प्यास बुझाते हैं
सूरज के घोड़े इठलाते तो देखो नभ में आते हैं।

 

 
 

Comment using facebook

 
 
Post Comment
 
Name:
Email:
Content:
 
 
  Type a word in English and press SPACE to transliterate.
Press CTRL+G to switch between English and the Hindi language.

सब्स्क्रिप्शन

सर्वेक्षण

भारत-दर्शन का नया रूप-रंग आपको कैसा लगा?

अच्छा लगा
अच्छा नही लगा
पता नहीं
आप किस देश से हैं?

यहाँ क्लिक करके परिणाम देखें

इस अंक में

 

इस अंक की समग्र सामग्री पढ़ें

 

 

सम्पर्क करें

आपका नाम
ई-मेल
संदेश