रावण वध | दशहरा की पौराणिक कथा

रामचंद्रजी के बनवास काल के उपरांत लंका नरेश रावण रामचंद्रजी की पत्नी सीता का अपहरण कर लंका ले जाता है। भगवान श्री राम अपनी पत्नी सीता को रावण के बंधन से मुक्त कराने हेतु भाई लक्ष्मण, भक्त हनुमान एवं वानरों की सेना के साथ मिलकर रावण के साथ युद्ध किया।

युद्ध के दौरान श्री रामजी नौ दिनों तक युद्ध की देवी मां दुर्गा की पूजा करते हैं तथा दसवें अर्थात दशमी के दिन रावण का वध करते हैं। अंतत: सीता को बंधन से मुक्त कराते हैं।