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डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav | Profile & Collections
डॉ० रामनिवास मानव समकालीन हिंदी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर हैं।
डॉ रामनिवास मानव का जन्म 2 जुलाई ( शैक्षिण प्रमाण पत्र के अनुसार यह 8 अक्टूबर भी दिया गया है) 1954 को तिगरा, जिला महेन्द्रगढ़ (हरियाणा) के प्रतिष्ठित स्वतन्त्रता-सेनानी पंडित मातादीन के घर।
शिक्षा: एम.ए. (हिन्दी), पी-एच.डी. [कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, कुरुक्षेत्र], डी.लिट. [भागलपुर विश्वविद्यालय, भागलपुर (बिहार)]
कृतियां: विभिन्न विधाओं की कुल बत्तीस पुस्तकें प्रकाशित, जिनमें ग्यारह काव्यकृतियां, पांच बालगीत-संग्रह, चार लघुकथा-संग्रह, तीन शोध-प्रबन्ध तथा आठ सम्पादित ग्रन्थ शामिल हैं। विभिन्न भाषाओं में अनूदित ग्यारह कृतियां तथा व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर केन्द्रित अनेक ग्रन्थ भी प्रकाशित। हरियाणा के समकालीन हिन्दी-साहित्य के प्रथम शोधार्थी तथा अधिकारी विद्वान।
डॉ. बालशौरि रेड्डी के शब्दों में ‘हरियाणवी साहित्य के पुरोधा'।
डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav's Collection
Total Records: 11
डॉ रामनिवास मानव की क्षणिकाएँ
सीमा पार से निरन्तरघुसपैठ जारी है।'वसुधैव कुटुम्बकम' नीति यही तो हमारी है।
फिल्म
फिल्म चल रही थी। जो व्यक्ति अभिनय कर रहा था, न भाव उसके थे, न स्वर और संगीत, यहाँ तक कि फिल्म की पटकथा और संवाद भी किसी और के लिखे हुए थे तथा उसे निर्देशित भी कोई और ही कर रहा था।
डॉ. रामनिवास मानव के दोहे
डॉ. 'मानव' दोहा, बालकाव्य तथा लघुकथा विधाओं के सुपरिचित राष्ट्रीय हस्ताक्षर हैं तथा विभिन्न विधाओं में लेखन करते हैं। उनके कुछ दोहे यहां दिए जा रहे हैं:
डा रामनिवास मानव की लघु-कथाएं
डॉ० 'मानव' लघु-कथा के अतिरिक्त दोहा, बालकाव्य, हाइकु इत्यादि विधाओं के सुपरिचित राष्ट्रीय हस्ताक्षर हैं। उनकी कुछ लघु-कथाएं यहाँ संकलित की जा रही हैं। पढ़िए डा 'मानव' की लघु-कथाएं।
डॉ रामनिवास मानव के हाइकु
डॉ. 'मानव' हाइकु, दोहा, बालकाव्य तथा लघुकथा विधाओं के सुपरिचित राष्ट्रीय हस्ताक्षर हैं तथा विभिन्न विधाओं में लेखन करते हैं। उनके कुछ हाइकु यहाँ दिए जा रहे हैं:
पत्रकारिता : तब और अब | डॉ रामनिवास मानव के दोहे
पत्रकारिता थी कभी, सचमुच मिशन पुनीत।त्याग तपस्या से भरा, इसका सकल अतीत।।
नियति
चक्की के पाट का चनों के प्रति व्यवहार बड़ा निर्मम था। अतः एक दिन कुछ चनों ने मिलकर उसे फोड़ दिया। चने चाहते थे कि पाट ऐसा हो, जो उनके दर्द को समझे और उनकी भावनाओं की कद्र करे।
गांव पर हाइकु
डॉ. 'मानव' हाइकु, दोहा, बालकाव्य तथा लघुकथा विधाओं के सुपरिचित राष्ट्रीय हस्ताक्षर हैं तथा विभिन्न विधाओं में लेखन करते हैं। गांव पर लिखे उनके कुछ हाइकु यहाँ दिए जा रहे हैं: