अकबर से लेकर औरंगजेब तक मुगलों ने जिस देशभाषा का स्वागत किया वह ब्रजभाषा थी, न कि उर्दू। -रामचंद्र शुक्ल

अल्हड़ बीकानेरी | Profile & Collections

अल्हड़ बीकानेरी का जीवन परिचय

अल्हड़ बीकानेरी का वास्तविक नाम श्याम लाल शर्मा है। आपका जन्म 17 मई, सन् 1937 को बीकानेर में हुआ।  अधिकतर लोग इन्हें राजस्थान के बीकानेर से संबन्धित समझते हैं लेकिन इनका गांव बीकानेर, जिला-रेवाड़ी, हरियाणा में है। 

अल्हड़ बीकानेरी ने 1962 में गीत-ग़ज़ल में पदार्पण किया। 1967 से हास्य-व्यंग्य कविताओं का
देश-विदेश में सस्वर काव्य-पाठ करने लगे। आकाशवाणी तथा दूरदर्शन से इनकी रचनाएँ प्रसारित हुईं। 1986 में हरियाणवी फीचर फिल्म छोटी साली के गीत कहानी का लेखन तथा निर्माण कार्य किया।

अल्हड़ जी हास्य-व्यंग्य की छंदबद्घ रचनाओं के प्रणेता थे और वह देश के एकमात्र ऐसे हास्य कवि थे, जो अपनी हर कविता गा कर पढ़ते थे। सन् 1970 में अल्हड़ जी की कविता ‘हर हाल में खुश हैं’ अत्यधिक लोकप्रिय हुई थी। इस कविता के कुछ अंश इस प्रकार हैं--

‘होटल से निकाला तो किसी पार्क में पहुंचे
‘लाइट’ से भगाया तो कहीं डार्क में पहुँचे
‘एयर’ से उड़ाया तो वो न्यूयार्क में पहुंचे
पेरिस में, शिकागो में, वो डेनमार्क में पहुंचे
करनाल में पटका तो वो करनाल में खुश हैं
पूरे हैं वो ही मर्द जो हर हाल में खुश हैं
जंगल में मिला ठूंठ बड़े प्यार से चूमा
खेतों में मिला ऊंट बड़े प्यार से चूमा
शादी में मिला सूट बड़े प्यार से चूमा
गौने में मिला बूट बड़े प्यार से चूमा
रूमाल मिला तो उसी रूमाल में खुश हैं
पूरे हैं वो ही मर्द जो हर हाल में खुश हैं’

प्रकाशन-यात्रा 
लगभग सभी प्रमुख हिंदी पत्र-पत्रिकाओं में रचनाएं प्रकाशित। आपके प्रकाशनों में 'भज प्यारे तू सीताराम'
'घाट-घाट घूमे', 'अभी हंसता हूँ', 'अब तो आंसू पोंछ', 'ठाठ ग़ज़ल के', 'भैंसा पीवे सोमरस', 'रेत पर जहाज़'
'अनछुए हाथ', 'खोल न देना द्वार', 'जय “मैडम” की बोल रे'। 'हर हाल में खुश हैं' एवं 'मन मस्त हुआ' सम्मिलित हैं। 

पुरस्कार व सम्मान 
अल्हड़ बीकानेरी को अनेक पुरस्कार एवं सम्मान मिले जिनमें 'ठिठोली' (1981), लायंस क्लब सम्मान (1982), 'हास्य-रत्न” काका हाथरसी सम्मान' (1987), अखिल भरतीय नागरिक परिषद सम्मान (1993), राष्ट्रपति द्वारा अभिनन्दन  (1996), यथासंभव सम्मान, उज्जैन (1997), “काव्य गौरव” सम्मान अखिल भरतीय कवि सभा दिल्ली (1998), काका हाथरसी सम्मान, दिल्ली सरकार (2000), मानस पुरस्कार, कानपुर (2000), भारती रत्न सम्मान, दिल्ली (2001), हरियाणा गौरव सम्मान (2004), “व्यंग्य श्री” पुरस्कार, बदायूं (2004), टेपा पुरस्कार, उज्जैन (2004), आचार्य क्षेमचन्द्र सुमन पुरस्कार, दिल्ली (2005), अट्टहास शिखर सम्मान, लखनऊ (2007) सम्मिलित हैं। 

निधन 
17 जून 2009 को 72 वर्ष की आयु में हास्य कवि अल्हड़ बीकानेरी का निधन हो गया। 

अल्हड़ बीकानेरी's Collection

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हफ्तों उनसे... | हज़ल

हफ्तों उनसे मिले हो गए विरह में पिलपिले हो गए 

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