समस्त आर्यावर्त या ठेठ हिंदुस्तान की राष्ट्र तथा शिष्ट भाषा हिंदी या हिंदुस्तानी है। -सर जार्ज ग्रियर्सन।

सुभाष मुनेश्वर | न्यूज़ीलैंड | Profile & Collections

सुभाष मुनेश्वर (Subhash Muneshwar) का जन्म 11 अगस्त 1943 को फीजी में हुआ था। आप न्यूज़ीलैंड के नागरिक हैं। कविताओं में आपकी रुचि बचपन से है।

"मैं लगभग 11 वर्ष का था जब मेरी रुचि कविता में हुई।"

बाद में जब आप अध्यापक हुए तो बच्चों में कविता के प्रति रुचि जागृत करने के लिए आप एक पंक्ति श्यामपट्ट यानी ब्लैक बोर्ड पर लिखते और बच्चों को आगे लिखने के लिये प्रोत्साहित करते।इसी समय आपको बच्चों के लिए कविता लिखने की प्रेरणा मिली। इसके फलस्वरूप 1963-64 पहली और दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए, जिन को वे पढ़ाते थे, कविता लिखना शुरू किया। तदोपरांत बच्चों के लिए अन्य पुस्तकें लिखी।

इस कार्य में उन्हें सब से अधिक अपने पिता मुनेश्वर प्रसाद जी से प्रोत्साहन मिला, जो स्वयं भी अध्यापक थे। पिता जी ने भारत से हिंदी की उच्च शिक्षा पाई थी। इनकी प्रेरणा से सुभाष जी ने अलग-अलग विषयों पर कवितायें और कहानियाँ लिखी जिस में से पाँच पुस्तकें हिंदी और एक अंग्रेजी भाषा में है।

[भारत-दर्शन]

सुभाष मुनेश्वर | न्यूज़ीलैंड's Collection

Total Records: 2

मुर्गे जी महाराज

सुबह उठे कि दिये बाँग मुर्गे जी महाराज आप जगे औरों को जगायेकर ऊंची आवाज।

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नंगोना

जहाँ नंगोने की थारी वहाँ जनता है उमड़ी भारी, सिकुड़ गई चेहरे की चमड़ी बिगड़ी है सूरत प्यारी, फिर भी कुटे और छने नंगोनाचल रही प्याली पर प्याली।

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