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 क्षणिकाएं
हिंदी जाननेवाला व्यक्ति देश के किसी कोने में जाकर अपना काम चला लेता है। - देवव्रत शास्त्री।
क्षणिकाएं 
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Literature Under This Category
 
डॉ रामनिवास मानव की क्षणिकाएँ  - डॉ रामनिवास मानव | Dr Ramniwas Manav

सीमा पार से निरन्तर
घुसपैठ जारी है।
'वसुधैव कुटुम्बकम'
नीति यही तो हमारी है।

 
क्षणिकाएँ  - डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड

कहा-सुनी

 
क्षणिका  - डॉ पुष्पा भारद्वाज-वुड | न्यूज़ीलैंड

ना तुमने कुछ कहा, ना हमने कुछ कहा।
बस यूँ ही बिना कुछ कहे, बिना कुछ सुने
अपनी अपनी खामोशी में
सभी कुछ तो कह गए हम दोनों।

 
कुछ क्षणिकाएँ  - डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

रिश्ते

 
संदेश  - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

मुझे याद है वह संदेश -
'बुरा न सुनो, बुरा न कहो, बुरा न देखो!'

 
ज़िंदगी  - राजगोपाल सिंह

ज़िंदगी इक ट्रेन है
और ये संसार
भागते हुए चित्रों की
एक एल्बम

 
रमेश पोखरियाल 'निशंक' की क्षणिकाएँ  - डॉ रमेश पोखरियाल निशंक

रिश्ते

 
दो क्षणिकाएं  - रोहित कुमार 'हैप्पी' | न्यूज़ीलैंड

कवि 

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