बापू!तुम मानव तो नहीं थेएक छलावा थेकर दिया था तुमने जादूहम सब परस्थावर-जंगम, जड़-चेतन परतुम गए—तुम्हारा जादू भी गयाऔर हो गयाएक बार फिरनंगा।यह बेईमानभारती इनसान।
--विष्णु प्रभाकर