एक से दो

रचनाकार: भारतेन्दु हरिश्चन्द्र | Bharatendu Harishchandra

एक काने ने किसी आदमी से यह शर्त बदी कि, "जो मैं तुमसे ज्यादा देखता हूँ तो पचास रूपया जीतूँ।"

और जब शर्त पक्की हो चुकी तो काना बोला कि, "लो, मैं जीता।"

दूसरे ने पूछा, "क्यों?"

इसने जवाब दिया कि, "मैं तुम्हारी दोनों आँखें देखता हूँ और तुम मेरी एक ही।"

 

- भारतेन्दु हरिश्चन्द्र