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नव वर्षहर्ष नवजीवन उत्कर्ष नव।
नव उमंग,नव तरंग,जीवन का नव प्रसंग।
नवल चाह,नवल राह,जीवन का नव प्रवाह।
गीत नवल,प्रीति नवल,जीवन की रीति नवल,जीवन की नीति नवल,जीवन की जीत नवल!
- हरिवंश राय बच्चन
[सतरंगिनी]
Bharat-Darshan, Hindi literary magazine from New Zealand
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