अजनबी नज़रों से अपने आप को देखा न कर आइनों का दोष क्या है? आइने तोड़ा न कर
यह भी मुमकिन है ये बौनों का नगर हो इसलिए छोटे दरवाज़ों की ख़ातिर अपना क़द छोटा न कर
यह सनक तुझको भी पत्थर ही न कर डाले कहीं हर किसी पत्थर को पारस जानकर परखा न कर
रात भी गुज़रेगी, कल सूरज भी निकलेगा ज़रूर ये अंधेरे चन्द लमहों के हैं, जी छोटा न कर
काँच सारी खिड़कियों के धूप ने चटका दिए वक़्त की चेतावनी को और अनदेखा न कर
- राजगोपाल सिंह
|