भाषा की समस्या का समाधान सांप्रदायिक दृष्टि से करना गलत है। - लक्ष्मीनारायण 'सुधांशु'।

चलो मन गंगा-जमना-तीर

 (काव्य) 
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रचनाकार:

 मीराबाई | Meerabai

गंगा-जमना निरमळ पाणी सीतल होत सरीर ।
बंसी बजावत गावत कान्हो संग लियाँ बळ बीर ।।

मोर मुगट पीतांबर सोहै कुण्डळ झळकत हीर ।
मीराके प्रभु गिरधर नागर चरणकॅवलपर सीर ।।

-मीरा

 

 

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